द्वारा सिखायी गयी विपश्यना साधना शिविरों के संचालन किये जाते है
शिविर की अनुसू्ची
केंद्र का स्थान: वेबसाइट | नक्शा
** यदि अन्यथा उल्लेख न किया गया हो, तो शिविर-निर्देश निम्नलिखित भाषा (भाषाओं) में दिए जाते हैं: हिंदी / अंग्रेज़ी
शिविरमें उपस्थित रहने के लिए अथवा धम्मसेवा के लिए आवेदन कैसे करें
- आवेदन पत्रतक पहुंचने के लिए वांछित शिविर के आवेदन लिंकपर क्लिक करें. पुराने साधकोंको सेवा का विकल्प दिया जायेगा.
- कृपया साधनापद्धती का परिचय एवं शिविर की अनुशासन संहिता ध्यानसे पढे, जो आपको शिविर के दौरान पालन करने के लिए कही जायेगी.
- आवेदन पत्र के सभी वर्ग पूर्ण रूप से और विस्तार से भरें और प्रस्तुत करें. सभी शिविरों के पंजीकरण के लिए आवेदन की आवश्यकता है.
- अधिसूचना का इंतजार करें. अगर आपने आवेदन में ईमेल पता दिया है तो सभी पत्र-व्यवहार ईमेलद्वारा होगा. आवेदनों के बडी संख्या के कारण अधिसूचना प्राप्त होने में २ हफ्तेतक का समय लग सकता है.
- अगर आपका आवेदन स्वीकार हुआ है तो शिविर में आपकी जगह निश्चित करने के लिए हमें आपसे पुष्टि की जरूरत होगी.
इस खंड में घटनाओं के किसी भी विशेष निर्देश के लिए टिप्पणियाँ देखें.
उपथिती/सेवा | दिनांक | शिविर का प्रकार | स्थिति | स्थान | अभिप्राय |
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सितं 17 - सितं 28 | एक्जीक्यूटिव कोर्स | पूर्ण किया | Gorai Village, Borivali (West), Mumbai | ||
अक्टू 02 - अक्टू 13 | एक्जीक्यूटिव कोर्स | पूर्ण किया | Gorai Village, Borivali (West), Mumbai | ||
अक्टू 16 - अक्टू 27 | एक्जीक्यूटिव कोर्स | पूर्ण किया | Gorai Village, Borivali (West), Mumbai | ||
अक्टू 30 - नवं 10 | एक्जीक्यूटिव कोर्स | पूर्ण किया | Gorai Village, Borivali (West), Mumbai | ||
नवं 13 - नवं 24 | एक्जीक्यूटिव कोर्स | प्रगती में | Gorai Village, Borivali (West), Mumbai | ||
अर्जी भेजिए* | नवं 26 - दिस 04 | सतिपठ्ठान सुत्त | बंद किया | Gorai Village, Borivali (West), Mumbai |
पुराने साधकोंके लिए |
अर्जी भेजिए* | दिस 09 - दिस 20 | एक्जीक्यूटिव कोर्स | शिविर पूरा | Gorai Village, Borivali (West), Mumbai | |
अर्जी भेजिए* | दिसंबर 22, 2024 - जनवरी 02, 2025 | एक्जीक्यूटिव कोर्स | महिलायें - शिविर पूरा पुरुष - शिविर पूरा महिला सेविका - चालू पुरुष सेवक - शिविर पूरा | Gorai Village, Borivali (West), Mumbai |
यह ऑनलाइन आवेदन पत्र आपकी जानकारी को आपके संगणक से हमारे ॲप्लिकेशन-सर्वरतक भेजने से पहले कूट रूप देता है. परन्तु कूट रूप देनेके बाद भी यह पूर्णतयः सुरक्षित न होनेकी संभावना है. अगर आप अपनी गोपनीय जानकारी इंटरनेट पर रहते हुए उससे जुड़ी सुरक्षा जोखिम से चिंतीत है, तो इस आवेदन पत्रका उपयोग न करें. बल्की आवेदन पत्र डाऊनलोड करें. उसे छापकर पूर्ण करें. बादमें यह आवेदन पत्र नीचे दिये गए शिविर आयोजकों को भेजिये. आपका आवेदन पत्र फैक्स या पोस्ट करने से पंजीकरण प्रक्रीया एक या दो हफ्तेसे विलंबित हो सकती है.
पुराने साधकों की क्षेत्रिय वेबसाईट के लिये यहाँ क्लिक करें here. यह वेबसाईट देखने के लिए युजर नेम और पासवर्ड की जरूरत होगी
प्रश्न पुछने के लिए ईमेल: [email protected]
सभी शिविर पूर्णतया दान के आधारपर चलते है. सभी खर्च उनके दानसे पूर्ण होते है, जो शिविर पूर्ण करके विपश्यना का लाभ अनुभव करनेपर दूसरोंको यही मौका देना चाहते है. आचार्य अथवा सहायक आचार्य कोई मुहफ्जा नहीं पाते; वह तथा शिविर में सेवा देनेवाले सेवक अपना समय स्वेच्छापूर्ण रूपसे देते है. इस प्रकार विपश्यना व्यावसायिकरण से मुक्त रूप में दी जाती है.
पुराने साधक याने वो, जिन्होनें स. ना. गोयन्काजी अथवा उनके सहायक आचार्यों के साथ किमान एक १०-दिवसीय शिविर पूर्ण किया है.
पूराने साधकों को नीचे दिये गए शिविरों में धम्मसेवा का अवसर प्राप्त हो सकता है.
द्विभाषी शिविर ऐसे शिविर है जो दो भाषाओंमें सिखायें जाते है. सभी साधक दैनंदिन साधना की सुचनाएँ दो भाषाओंमें सुनेंगे. श्यामके प्रवचन अलग से सुनाये जायेंगे.
ध्यान शिविर दोनों केंद्र और गैर - केंद्र स्थानों पर आयोजित किया जाता हैं. ध्यान केंद्र शिविरों को साल भर नियमित रूप से आयोजित करने में समर्पित हैं. इस परंपरा में ध्यान केंद्र स्थापित करने से पहले सभी शिविर कैंप, धार्मिक स्थान, चर्च और इस तरह के रूप में अस्थायी जगहोमें आयोजित किये गये. आज, जहां विपश्यना क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय साधकों द्वारा केंद्र अभी तक स्थापित नहीं किया गया है, ऐसे क्षेत्रों में १० दिन ध्यान शिविर गैर-केंद्र शिविर स्थलों पर आयोजित किया जाता हैं.
अधिकारियों के लिए १० दिवसीय शिविर खास तौर से कार्यकारी और प्रशासकीय अधिकारीयों के लिए विपश्यना साधना के परिचयात्मक शिविर है, जिनमें यह साधना हर दिन क्रमशः सिखायी जाती है. अधिक जानकारी के लिए कृपया अधिकारियोंके शिविर की वेबसाइट. देखें. यह शिविर श्याम के २ - ४ बजे पंजीकरण और निर्देश के बाद शुरू होती है. उसके बाद १० पूर्ण दिन साधना होती है. शिविर ११वे दिन सुबह ७.३० बजे समाप्त होते है.
पुराने साधकों के संक्षिप्त शिविर (१ - ३ दिवसीय) उन सभी साधकोंके लिए है जिन्होंने स. ना. गोयन्काजी अथवा उनके सहायक आचार्योंके साथ १०-दिवसीय शिविर पूर्ण किया है. शिविर में उपस्थित रहने के लिए सभी पुराने साधकों के आवेदन का स्वागत है. इनमें यह पुराने साधक भी शामिल है, जिनको पिछला शिविर करके कुछ समय हुआ है.
पुराने साधकों के कार्यक्रमसेवा कालावधि जैसे होते है, जिनमें केंद्रकी देखभाल, निर्माण, घरेलु और बागबानी जैसे विविध किंतु अधिक पूर्ण और संरचित कार्यक्रम रहतें है. इनमें सहायक आचार्यों को मिलने की संधी प्राप्त होती है, और समिति तथा विश्वस्त बैठकों को उपस्थित रहनेकी संभावना होती है. भाग लेने के लिए सभी पुराने साधकों का स्वागत है. दैनिक कार्यक्रम में ३ सामुहिक साधना और सुबह - दोपहर को कामकाज का कालावधि संमिलित रहेगा. श्यामको विशेष प्रवचन लगाए जाएगें जो स. ना. गोयंकाजी ने पुराने साधकों के लिए दिये हैं.
सतिपठ्ठान सुत्त शिविर के लिये १० दिवसिय शिविर जैसी ही समय-सारिणी और अनुशासन-संहिता होती है. इनमें यह अंतर है की टैंप किये हुए श्यामके प्रवचनो में सतिपठ्ठान सुत्तका गौर से अभ्यास किया जाता है. यह प्रमुख पाठ है जिसमें विपश्यनाकी तकनीक सुव्यवस्थित रूप से समझायी गयी है. यह शिविर उन पुराने साधकों के लिए खुले हैं जिन्होने कम से कम तीन १०-दिवसीय शिविर पूरें किये है, पिछले १०-दिवसीय शिविर के बाद अन्य कोई साधना पद्धती का अभ्यास नही किया है, विपश्यना की तकनीक का कम से कम १ साल अभ्यास किया है और जो दैनंदिन जीवन में पंचशील का पालन करने की कोशिश कर रहे हैं.
२० दिवसीय शिविर केवल गंभीर पुराने और इस साधना में प्रतिबद्ध साधकों के लिए है, जिन्होनें कम से कम ५ दस दिवसीय शिविर और एक सतिपट्ठान सुत्त शिविर किया है; कम से कम एक १० दिवसीय धम्मसेवा दी है और किमान २ सालसे नियमित रूपसे साधना का अभ्यास कर रहें हैं.
आचार्यों के स्वयं-शिविर केवल पुराने गंभीर साधकों के लिए खुले है जो धम्म प्रचारित करने में अभी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं अथवा भविष्य में निभानेवाले हैं, केवल विपश्यना का अभ्यास कर रहे हैं(दूसरी कोई साधनापद्धतीका अभ्यास नहीं कर रहें हैं), दिन में २ घंटे दैनिक साधना का अभ्यास बनाये रखें हैं; जीवहत्या से विरत है; अब्रम्हचर्य से विरत है; नशे के सेवन से विरत है; और बाकीके शीलोंका पालन अपनी क्षमतानुसार कर रहे हैं. यह आवश्यकता सालाना बदल सकती है और प्रवेश स. ना. गोयंकाजीके निर्णयपर आधारित रहेंगे.
आवेदन पत्र अग्रिम समय में प्रस्तुत करना आवश्यक रहेगा क्योंकी उसके संस्करण में कुछ समय लग सकता है. जो साधक अंग्रेजी या घोषित कि हुई शिविरभाषा नहीं बोल सकतें, वह शिविर के लिए आवेदन पत्र दे सकते हैं, मगर शिविर के लिए उपयोग में आनेवाला साहित्य, उचित अनुवादक, और शिविर लेनेवाले आचार्य की अनुमती उपलब्ध होनेपरही उस आवेदन पत्र की स्वीकृती हो सकती है.