द्वारा सिखायी गयी विपश्यना साधना शिविरों के संचालन किये जाते है
शिविर की अनुसू्ची
केंद्र का स्थान: वेबसाइट | नक्शा
** यदि अन्यथा उल्लेख न किया गया हो, तो शिविर-निर्देश निम्नलिखित भाषा (भाषाओं) में दिए जाते हैं: हिंदी / अंग्रेज़ी
विख्यात दार्जीलिंग की पहाड़ियों की तराई में स्थित सिलीगुड़ी (प.बंगाल) पंचई नदी के तट पर स्थित होने के कारण इसे धम्मतट नाम दिया गया है। सिलीगुड़ी को सिक्किम, नेपाल, भूटान, असम आदि पूर्वी स्थानों पर जाने का द्वार कहा जाता है। केंद्र न्यू जल्पाईगुड़ी रेल्वे स्टेशन से 9.5 किमी. और बगदोगरा हवाई अड्डे से 13.5 किमी. की दूरी पर है। ‘पंचनदी विपश्यना केंद्र’ खोजने पर नक्शा सहित रास्ता दिखेगा।इस छोटे-से केंद्र में फिलहाल 14 पुरुष व 14 महिलाओं के लिए अच्छी सुविधा उपलब्ध है। अधिकांश शिविर हिंदी तथा अंग्रेजी में लगेंगे। धम्मसेवा देने के लिए पुराने साधक आवेदन कर सकते हैं। फिलहाल एक दिवसीय शिविर हर माह के अंतिम रविवार को तथा सामूहिक साधनाएं प्रत्येक रविवार को पूर्वाह्न 10 से 11 बजे तक होती हैं।
शिविरमें उपस्थित रहने के लिए अथवा धम्मसेवा के लिए आवेदन कैसे करें
- आवेदन पत्रतक पहुंचने के लिए वांछित शिविर के आवेदन लिंकपर क्लिक करें. पुराने साधकोंको सेवा का विकल्प दिया जायेगा.
- कृपया साधनापद्धती का परिचय एवं शिविर की अनुशासन संहिता ध्यानसे पढे, जो आपको शिविर के दौरान पालन करने के लिए कही जायेगी.
- आवेदन पत्र के सभी वर्ग पूर्ण रूप से और विस्तार से भरें और प्रस्तुत करें. सभी शिविरों के पंजीकरण के लिए आवेदन की आवश्यकता है.
- अधिसूचना का इंतजार करें. अगर आपने आवेदन में ईमेल पता दिया है तो सभी पत्र-व्यवहार ईमेलद्वारा होगा. आवेदनों के बडी संख्या के कारण अधिसूचना प्राप्त होने में २ हफ्तेतक का समय लग सकता है.
- अगर आपका आवेदन स्वीकार हुआ है तो शिविर में आपकी जगह निश्चित करने के लिए हमें आपसे पुष्टि की जरूरत होगी.
संपर्क पता:
धम्मतट, पंचनदी विपश्यना केंद्र,
कवि आगमसिंह गिरि नगर, गली नं. 6,
पंचनदी, डागापुर (डीपीएस स्कूल के सामने)
सिलीगुड़ी, जिला दार्जीलिंग (उत्तरी क्षेत्र- प. बंगाल)
734003
ईमेल: [email protected]
फोन: 9434221531, 9635260966
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उपथिती/सेवा | दिनांक | शिविर का प्रकार | स्थिति | स्थान | अभिप्राय |
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मार्च 01 - मार्च 12 | १० दिवसीय | पूर्ण किया | Siliguri | ||
अर्जी भेजिए* | अप्रै 05 - अप्रै 16 | १० दिवसीय | चालू | Siliguri | |
अर्जी भेजिए* | मई 04 - मई 15 | १० दिवसीय | चालू | Siliguri | |
अर्जी भेजिए* | जून 01 - जून 12 | १० दिवसीय | चालू | Siliguri | |
जुला 06 - जुला 17 | १० दिवसीय | अर्जी स्वीकृती शुरु अप्रै 06 | Siliguri | ||
अग 03 - अग 14 | १० दिवसीय | अर्जी स्वीकृती शुरु मई 04 | Siliguri | ||
सितं 07 - सितं 18 | १० दिवसीय | अर्जी स्वीकृती शुरु जून 08 | Siliguri | ||
अक्टू 05 - अक्टू 16 | १० दिवसीय | अर्जी स्वीकृती शुरु जुला 07 | Siliguri | ||
नवं 02 - नवं 13 | १० दिवसीय | अर्जी स्वीकृती शुरु अग 03 | Siliguri | ||
दिस 15 - दिस 26 | १० दिवसीय | अर्जी स्वीकृती शुरु सितं 16 | Siliguri |
यह ऑनलाइन आवेदन पत्र आपकी जानकारी को आपके संगणक से हमारे ॲप्लिकेशन-सर्वरतक भेजने से पहले कूट रूप देता है. परन्तु कूट रूप देनेके बाद भी यह पूर्णतयः सुरक्षित न होनेकी संभावना है. अगर आप अपनी गोपनीय जानकारी इंटरनेट पर रहते हुए उससे जुड़ी सुरक्षा जोखिम से चिंतीत है, तो इस आवेदन पत्रका उपयोग न करें. बल्की आवेदन पत्र डाऊनलोड करें. उसे छापकर पूर्ण करें. बादमें यह आवेदन पत्र नीचे दिये गए शिविर आयोजकों को भेजिये. आपका आवेदन पत्र फैक्स या पोस्ट करने से पंजीकरण प्रक्रीया एक या दो हफ्तेसे विलंबित हो सकती है.
पुराने साधकों की क्षेत्रिय वेबसाईट के लिये यहाँ क्लिक करें here. यह वेबसाईट देखने के लिए युजर नेम और पासवर्ड की जरूरत होगी
प्रश्न पुछने के लिए ईमेल: [email protected]
सभी शिविर पूर्णतया दान के आधारपर चलते है. सभी खर्च उनके दानसे पूर्ण होते है, जो शिविर पूर्ण करके विपश्यना का लाभ अनुभव करनेपर दूसरोंको यही मौका देना चाहते है. आचार्य अथवा सहायक आचार्य कोई मुहफ्जा नहीं पाते; वह तथा शिविर में सेवा देनेवाले सेवक अपना समय स्वेच्छापूर्ण रूपसे देते है. इस प्रकार विपश्यना व्यावसायिकरण से मुक्त रूप में दी जाती है.
पुराने साधक याने वो, जिन्होनें स. ना. गोयन्काजी अथवा उनके सहायक आचार्यों के साथ किमान एक १०-दिवसीय शिविर पूर्ण किया है.
पूराने साधकों को नीचे दिये गए शिविरों में धम्मसेवा का अवसर प्राप्त हो सकता है.
द्विभाषी शिविर ऐसे शिविर है जो दो भाषाओंमें सिखायें जाते है. सभी साधक दैनंदिन साधना की सुचनाएँ दो भाषाओंमें सुनेंगे. श्यामके प्रवचन अलग से सुनाये जायेंगे.
ध्यान शिविर दोनों केंद्र और गैर - केंद्र स्थानों पर आयोजित किया जाता हैं. ध्यान केंद्र शिविरों को साल भर नियमित रूप से आयोजित करने में समर्पित हैं. इस परंपरा में ध्यान केंद्र स्थापित करने से पहले सभी शिविर कैंप, धार्मिक स्थान, चर्च और इस तरह के रूप में अस्थायी जगहोमें आयोजित किये गये. आज, जहां विपश्यना क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय साधकों द्वारा केंद्र अभी तक स्थापित नहीं किया गया है, ऐसे क्षेत्रों में १० दिन ध्यान शिविर गैर-केंद्र शिविर स्थलों पर आयोजित किया जाता हैं.
१० दिवसीय शिविर विपश्यना साधना के परिचयात्मक शिविर है, जिनमें यह तकनीक हर दिन क्रमशः सिखायी जाती है. यह शिविर श्यामके २ - ४ बजे पंजीकरण और निर्देश के बाद शुरू होती है. उसके बाद १० पूर्ण दिन साधना होती है. शिविर ११वे दिन सुबह ७.३० बजे समाप्त होते है.